मोनो जिंक

  • यह बारीक दानेदार होने के कारण उड़कर बर्बाद नहीं होती है।

  • यूरिया के साथ मिलाने पर अच्छी कोटिंग करता है जिससे यूरिया लीचिंग नहीं होती है।

  • धीरे-धीरे कार्य करने के कारण फसल में लंबे समय तक उपलब्ध रहती है।

  • अधिक तापमान होने पर बहने की समस्या नहीं होती है।

  • इसके प्रयोग से धान में खैरा रोग नहीं होता है।

  • यह आंशिक चिलेटेड हैं।

  • अंतिम जुताई के समय 4 से 5 किलोग्राम प्रति अकड़ प्रयोग करे।

  • 250 ग्राम मोनोजिंक को 125 लीटर पानी में घोलकर प्राणिये छिड़काव करे।

जिंक सल्फेट मोनो हाइड्रेट 33%
सल्फर 15%