स्वदेशी / शक्तिमान

  • इसके प्रयोग से लंबे समय तक पोषक तत्वों की उपलब्धता बनी रहती है।

  • इसके प्रयोग से भूमि को नवम एवं भुरभुरी बनाकर केंचुआ एवं मित्र जीवाणुओं की संख्या में वृद्धि होती है।

  • इसके प्रयोग से जड़ों में तेजी से वृद्धि मजबूत एवं पौधों को खड़े होने की क्षमता में वृद्धि होती है।

  • इसके प्रयोग से भूमि में पैदावार में वृद्धि होती है।

  • डी.ए.पी / एस.एस.पी मैं फास्फोरस की मात्रा 30% ही पौधे प्रयोग कर पाते हैं परंतु स्वदेशी में कुल फास्फोरस पौधे गृह कर लेते हैं।

100-200 क्रिगा प्रति एकड़ (जुताई / बिजाई के समय प्रयोग करे)

धान, गेहूं, गन्ना, मेन्था, केला, सब्जियों, तम्बाकू, बगीचों, फलो-फूलों एवं समस्त प्रकार की फसलों में प्रयोग कर सकते है।

जैम्बिक कार्बन, फास्फोरस (P205), नाइट्रोजन, अन्य तत्व जिंक, सल्फर, मैग्नीशियम, कॉपर, फेरस, बोरान, मैंगनीज पोटाश आदि पोषक तत्व भी प्राकृतिक रूप से पाए जाते हैं